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Latest News:
मैल 5 May 2012 | 03:50 am
पैसा तो हाथ का मैल है (पुरानी कहावत ) बड़े वी आई पी मैल हो ? दिखाई ही नहीं देते, किस हाथ पर कितने चढ़े हो पता भी नहीं लग पाता जो दिन रात पसीना बहाता है दो रोटी के चक्कर में नहा भ...
आप और हम 25 Mar 2012 | 07:17 pm
एक ही प्रभू की पूजा हम अगर करते नहीं एक ही दरगाह पर सर आप भी रखते नहीं अपना सजदागाह अगर देवी का स्थान है आपके सजदो का मरकज भी तो कब्रिस्तान है हम अपने देवताओ की गिनती अगर र...
स्मृति 18 Jan 2012 | 06:19 am
स्मृति के पन्नो पर चित्र एक अंकित है, कई रंगो से सजा प्रेम तुम्हारा संचित है, तरंगें उठती ज्यो गर्भ सागर से, तोड देती तटो का सीना, मन मे उठती भावनायें मेरे, भेद कर धर्य का सीना, तुम मिले मुझ....
धूल 18 Nov 2011 | 02:42 am
कितने ही रास्तो से, आती आज भी उड कर धूल, लग जाती मेरे सीने से, स्मॄत हो आते वो क्षण, जब चले थे उन पर थाम कर हाथ एक दूजे का, पूछ्ता है वो पेड पत्तियाँ हिलाकर, छाँव मे जिसकी कटती थी सारी दोपहरी, " व...
अनाड़ी 8 Nov 2011 | 05:41 am
बहुत दिनों से ब्लाग से दूर हूँ , कारण मैं क्या बताऊ शायद ये कविता कुछ बता दे दो बैलो की गाड़ी दोनों ही अनाड़ी एक खीचे पूरब की ओर दूजा पच्छिम को लगाये जोर समझ दोनों की अलग फिर भी बंधी दोनों ...
आतंकी उवाच 29 Sep 2011 | 02:43 am
आतंकी उवाच कायर हो तुम, और सरकार तुम्हारी निठल्ली है इसलिए बारूदो के ढेर पर बैठी दिल्ली है कभी कोर्ट में हम कभी संसद में बम बिछाते है ...
बोल सखी 3 Sep 2011 | 04:28 pm
बोल सखी मैं किस विधि जीऊँ जीवन हाला किस विधि पीऊँ प्रिय मेरे ने कदर न जानी पागल भई मैं हुई दीवानी किस विध मन के ज़ख्म को सीऊं बोल सखी मैं किस विधि जीऊँ मनमीत मेरे ओ प्...
जिंदगी खिलती है गुलज़ार बनके 27 Jul 2011 | 07:59 pm
जिंदगी खिलती है गुलज़ार बनके तुम देखो तो इसको प्यार करके तुम्हारे भी नाज़ उठाएगा कोई तुम देखो तो कभी इकरार करके मुंह मोडना जिंदगी से कोई बात नही खुश रहो हर गम से दो चार करके अपनी जिंदगी को तु...
तो क्या करें 14 Jul 2011 | 02:32 am
उन की याद आने से होती है आँख नम, तो क्या करें चलते हुए उनकी गली में रुक जाते है कदम, तो क्या करें उन को भूल जाने की सलाहे तो बहुत मिली पर ये दिल न माना बेशरम, तो क्या करे यूं तो चाहने वाले हमारे भ...
प्यार और जख्म 28 Jun 2011 | 03:45 pm
उन जख्मो को कुरेदने में मज़ा आता है जख्म जो भी तेरी याद दिला जाता है छेड़ता हूँ जख्मो को, तुम्हे भूल न जाऊ कहीं वक्त का मरहम हर जख्म सुखा जाता है बंध भी जाते किसी रिश्ते में तो क्या होता प्यार पे आ...