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तेरे शहर में कुछ देर रह लू तो ...अपना गाँव हिन्दुस्तान याद आता है !! 18 Jun 2013 | 02:03 pm

तब उलझनों के मोड़ कम थे .ख्वाहिशे  भी कम थी ओर उनका कद भी.स्कूल का फासला अक्सर कदमो से तय होता .रिक्शे की कभी जरुरत महसूस नहीं हुई..गलियों में घूमते घूमते स्कूल पहुँच जाते . स्कूल के बाहर  एक चुस्की व...

कागजों में बंद कुछ सालो का कोलहाहल -2 6 May 2013 | 09:13 pm

130.....आत्मस्वीकृतियाभी एक प्रकार का तिलिस्म है. 131......लखनऊ से  ट्रेन चली  है ..अकेले यात्रा मुझे उबाऊ लगती   है .अभय इलाहाबाद चला गया . सेकत्रेट  के चपरासी  को  कुछ पैसे देकर हमने अपने मार्क्स  ...

एक तवील बोसे में कैसी प्यास पिन्हां है ......... 18 Apr 2013 | 06:06 pm

"तुम्हारे पास बहुत इगो है "वो कहती है. "वो इगो नहीं है ,वो खुद से लड़ाई है जानती हो कभी कभी तुम्हे बहुत मिस करता हूँ ,भीड़ में ,काम करते हुए , सबसे ज्यादा ड्राइव करते हुए " वो हथेलियों में उसका चेहरा ...

"कन्फेशन " !! 10 Apr 2013 | 04:34 pm

"सोचता था जब चालीस का हूँगा जिंदगी का जायका जबां पे होगा, रोजो- शब् के पेंच उलटे नहीं घूमेगे . किसी शख्स का कोई करतब  हैरान नहीं करेगा . ऐब उबाने लगगे . दोस्त पहले की तरह अज़ीज़ होगे .  हाथ की जुम्बिश स...

"चल जिंदगी ढूंढें " 12 Oct 2012 | 10:31 am

एक जीवन  से आप कितने संवाद  कर सकते है .? हर जीवन एक लगातार घटती  घटना है .कभी कभी ऐसा लगता है जैसे एक समय सीमा पर आकर जीवन पर  ईश्वर का भी नियत्रण छूट गया है या वो छोड़ देता  है ? उन्ही अनियंत्रित सम...

किसी शहर के बरक्स ! 14 Sep 2012 | 09:01 am

हाइवे से गुजरते  एक ओर ऊपर  मटमैली पहाडियों  के बीच  सीधी कुछ सीढिया किसी रस्ते का पता देती है  .लाल रंग का झंडा  इन  मंदिरों की नेम प्लेट सा  है .सोचता हूँ कैसे वक़्त काटता होगा पुजारी ओर उसका भगवान !...

"जो कुछ घटा था मेरे तुम्हारे बीच उसमे सिर्फ नहीं था प्यार " 3 Sep 2012 | 10:18 am

कोई यात्रा अकेली नहीं होती .हर यात्रा अपने साथ कई यात्राये लेकर  चलती है उन अद्रश्य यात्राओं पर भी  जिनमे आवाजाही  रोज नहीं होती  सहज  भी नहीं  जिनमे  कई अज्ञात अपराध शामिल है जिनके लिए कभी क्षमा नहीं...

के आती है जिंदगी आते आते आते ...... 5 Jul 2012 | 12:23 pm

कई सुबहे अपनी आमद से सुस्त होती है .कुछ कुछ उदास सी रुकी रुकी. जैसे एंटी एलर्जिक लेकर सोयी हो. सड़क से गुजरता हूँ तो लेटर बोक्स देखकर किसी का लिखा ख़त याद आता है ".तुम जिस शहर में रहते हो वहां बहुत भीड...

जिंदगी माने ..... 4 Jun 2012 | 06:30 pm

पहला टुकड़ा जिंदगी . (योरोप के किसी देश का एयर पोर्ट सुबह 5  बजकर 6 मिनट - इंडियन टाइम सुबह  9 बजकर 40 मिनट .बुधवार २ जून ) जानते हो , उस पूरी ट्रिप  में  मेरा मन बार बार  कहता  के  तुम्हे कहूँ स्टूपिड...

खुदा की शनाख्त मुश्किल होगी ! 31 May 2012 | 12:25 pm

क्रिकेट के मैदान के बाहर बैठी  छोटी लड़की  इसलिए दुखी है क्यूंकि उसे कोई क्रिकेट नहीं खेलने देता ,उसके बराबर  में बैठा लड़का वो इसलिए दुखी है क्यूंकि वो तीसरी गेंद पर ही आउट हो गया .वो दुखी है पर लड़की ...

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