Blogspot - babanpandey.blogspot.com - " 21वीं सदी का इंद्रधनुष "

Latest News:

!! मेरे बच्चे !! 21 Aug 2013 | 05:46 am

अजीबोगरीब है ... मेरे बच्चो के शगल मकई के बालों का मुछं बना डराते हैं अपनी माँ को // दौड़ पड़ते है .. रंग-बिरंगी तितलियों के पीछे नहर में छलांग लगा देते है नहाने के वक़्त और हाथों से घोंघा निकाल लेते ...

क्यों करेगी दोस्ती, नदी हमसे 28 Jul 2013 | 03:23 pm

गज़ब संयोग है आदमी और नदी का .... नदी जब प्रसन्न  होती है आदमी निराश होने लगता है ... क्या पता... क्या होगा .... घर बहा ले जायेगी या फिर खेत नदी हमसे मुहब्बत नहीं करती क्योकि बना ली हमने अपने घर ... उ...

प्यार की गोली (हसिकाएं) 19 Jul 2013 | 08:48 pm

(१) मैं तुम्हें पसंद तुम मुझे खयालात दोनों के अब मिलने लगे गले अरे ! हटो .. मुझे  तो इश्क होने लगा (२) लव की पोटली से एक गोली खाकर वह लगा डकरने आओ ! सनम नहीं तो , मैं चला मरने ...

मीठा पुलाव और सोया बरी 19 Jul 2013 | 02:12 pm

कल तक माँ घर के मिटटी के चूल्हे बुझा देती थी पानी के छींटे मारकर आज ये खुद भुझ गए  है माँ की  अविरल आंसुओं से // दादा के कन्धों पर चढ़कर दहाड़ मारता था जो पोता वह कन्धा अब टूट चूका है "मेरी लाठी था र...

मुनादी .. 8 Jul 2013 | 07:24 pm

नाबालिक बच्ची है उम्र कोई १५ साल जींस और टॉप पहने रंग गोरी ,चेहरा गोल है बाल कंधे तक बांगला खूब बोलती है हिंदी/इंग्लिश समझती है लापता है ... अरे ! काम की बात बताना भूल ही गया नाचती और गाती है ओर्केस्...

गलतियां 5 Jul 2013 | 08:44 pm

खूब मन लगता था बचपन में गलतियां खोजने में एक ही तरह दिख रहे दो चित्रों के बीच आदत वहीँ से बन गयी अब तो गलतियां -ही गलतियां अवगुण ही अवगुण झट खोज बैठता हूँ .. हर इंसान में //

औरत होने का मतलब 25 Jun 2013 | 09:51 pm

रोज मरती हूँ ... प्रसव के दौरान .. बलात्कार के दौरान फेक दी जाती है शराब मेरे चेहरे पर कभी फांसी पर लटक जाने को कर दी जाती हूँ मजबूर ... कम से कम गर्भ  में मत मारो मुझे ...// रोज पिट जाती हूँ जब पूछ....

ए लेटर टू डैड 15 Jun 2013 | 06:07 am

हाय डैड ! एम हैपी ऐन्ड यू एक पेपर में बैक क्या लगा तुमने मेरा मिनट टू मिनट प्रोग्राम पूछ डाला लो पढ़ लो! माँ को मत बताना आप पर ही गुस्सा होगी वो! आठ बजे की रिंग टोन लगा रखी मैंने फटाफट  उठता हूँ फिर ...

ग़ज़ल 2013 13 Jun 2013 | 09:08 pm

गलियों  में भवरे बहुत है ,फूल मस्त खिले होंगे वो बहुत खुश है,जरुर किसी के गले मिले होंगे // ज़रूरत पर जब दोस्तों ने, उनसे बेरुखी की होगी उन्हें अब  रब बचाए ,ज़रूर उनके दिल जले होंगे  // नई कोंपलें आ...

गुलबदन 2 Jun 2013 | 09:31 pm

माना कि वो गुलबदन है मगर कांटें हैं -ज़ुबानों में आँखों में लिए इश्क का खंजर घुमती हैं बेख़ौफ़ // बेजुबान रहकर भी रौंद देती है वफ़ा के पेड़ को जड़   से पता नहीं .. कौन सा आरा है उनके पास ? 

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मैंने माँ, चीटियाँ, kalyum hu, अच्चा, अपहरण के बाद

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