Blogspot - harkirathaqeer.blogspot.com - हरकीरत ' हीर'

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रक्षा बंधन की शुभ कामनाएं .... 20 Aug 2013 | 10:37 am

आज सुबह मेल खोली तो आदरणीय रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' जी की  ये मेल आई हुई थी … परम प्रिय बहन ! आज के दिन आपको रक्षाबन्धन की विशेष  शुभकामनाएँ ! आपका जीवन प्रतिपल सुखमय हो ! 1 भले दो तन पावन एक मन....

दुआओं का फूल … 31 Jul 2013 | 09:47 pm

इमरोज़ की इक नज़्म का जवाब …. दुआओं का फूल … सोचें सच होती होगीं पर हीर की सोचें कभी कैदो ने सच नहीं होने दीं इक खूबसूरत शायरा की मुहब्बत वक़्त की कीलियों पर टंगी मजबूर खड़ी है …. इस पीर की कसक तूने भ....

कुछ सेदोका .... 18 Jul 2013 | 02:29 pm

कुछ सेदोका .....(सेदोका  ५ +७+७ +५ +७ +७   वर्णों  में लिखा जाता है ) (१) खूंटी पर टंगा हंसता है विश्वास चौंक जाती धरा भी देख खुदाया ! तेरे किये हक़ औ' नसीबों के हिसाब ...! (२) स्याह से लफ़्ज दुआएं ....

यादें ...... 12 Jul 2013 | 01:30 pm

आज पेश है यादों में उलझी-सुलझी इक नज़्म ..... यादें ...... सपनों की इक नीली सी लपट जलता सा इक ख्याल ज़हन में इक आग का  दरिया  है और इक कम्पन सी बदन  में आज भूली बिसरी बातों की यादें साथ आई हैं  .... ....

उत्तराखंड की त्रासदी पर कुछ हाइकु .... 1 Jul 2013 | 12:59 pm

उत्तराखंड की त्रासदी पर कुछ हाइकु .... महाकाल के आगोश में समाया उत्तराखंड (२) फटा बादल उमड़ा यूँ सैलाब आया प्रलय (३) कुदरत ने कहर बरपाया मची तबाही (४) प्रकृति रोई लगा लाशों का ढेर डूबे शहर (५) ...

पितृ दिवस पर कुछ कवितायेँ ....... 16 Jun 2013 | 07:24 am

 पितृ दिवस पर कुछ कवितायेँ ....... (१) सूखती जड़ें  .... न जाने कितनी फिक्रों तले सूखे हैं ये पत्ते दूर-दूर  तक बारिश की उम्मीद से भीगा है इनका मन शब्द अब मृत हो गए हैं जो पिघला सकें इनकी आत्मा लगा सक...

कैद मुहब्बत .... 10 Jun 2013 | 01:48 pm

कैद मुहब्बत .... तीखे दांतों से काटती है रात .... तेरे बिना जकड़ लेती है उदासी बेकाबू से हो जाते हैं ख्याल खिड़की से आती हवा सीने में दबे अक्षरों का पूछने लगती है अर्थ बता मैं उसे कैसे बताऊँ मुहब्बत की...

इक कोशिश .... 24 May 2013 | 06:58 pm

इक कोशिश .... ज़ख़्मी जुबान मिटटी में नाम लिखती है कोई जंजीरों की कड़ियाँ तोड़ता  है दर्द की नज़्म लौट आती है समंदर से दरख्त फूल छिड़क कर मुहब्बत का ऐलान करते हैं मैं रेत से एक बुत तैयार करती  हूँ और हवाओं...

मातृ दिवस पर कुछ हाइकु ......... 12 May 2013 | 12:01 pm

मातृ दिवस पर कुछ हाइकु ......... (१) संग है रोई हर दर्द मेरे माँ दूजा  न कोई (२) माँ की ममता त्याग,तप,क्षमा की रब्ब सी मूरत (३) इतनी प्यारी उसके आँचल में ज़न्नत सारी (४) गीत ग़ज़ल सबपर लुटाती प्रे...

मजदूर दिवस पर एक कविता ....... 1 May 2013 | 10:05 am

मजदूर दिवस पर एक कविता ....... भारत का मजदूर .... वह आता है सड़कों पर ठेले में बोरियां लादे भरी दोपहर और तेज धूप में पसीने से तर -बतर जलती है देह ठेले पर नहीं है पानी से भरी कोई बोतल ..... वह आता है...

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बीड़ी, नज़्म

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