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Latest News:

हेम की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने की अपील 26 Aug 2013 | 01:52 am

मशीन नौजवानों पर मुकदमे थोपती है: वह उन्हें कैद करती है, यातनाएं देती है, मार डालती है. ये नौजवान इसके नाकारेपन के जीते जागते सबूत हैं...निकम्मी मशीन हर उस चीज से नफरत करती है, जो फलफूल रही है और हरकत...

फासीवाद की धमक तेज हो रही है, मुखर प्रतिरोध के लिए एकजुट हों! -जन संस्कृति मंच. 25 Aug 2013 | 11:36 pm

जन संस्कृति मंच गढ़चिरौली में जेएनयू के छात्र और संस्कृतिकर्मी हेम मिश्रा की गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लेने और पुणे में पुलिस की मौजूदगी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा एफटीआ...

जनतंत्र को लगातार सही-सही परिभाषित करना ज़रूरी है: असद जैदी 20 Aug 2013 | 11:14 pm

जब आपको गुजरात की, कश्मीर की, मध्य भारत के आदिवासियों की, उत्तर-पूर्व के लोगों की चीख़ सुनायी नहीं देती; जब आपको यह नहीं खटकता कि देश की जेलें ऐसे क़ैदियों से भरी जा रही हैं, जो मासूम हैं, पर मुसलमान ...

उठाए जा रहे अभिव्यक्ति के खतरे 18 Aug 2013 | 11:53 pm

ब्राह्मणवाद और साम्राज्यवाद के खिलाफ लगातार लिखने-बोलने वाले चिंतक-आलोचक कंवल की गिरफ्तारी ने एक बार फिर देश पर काबिज फासिस्ट शासक वर्ग के ब्राह्मणवादी चेहरे को उजागर किया है-उदारवाद, जनतंत्र, लोकतंत्...

रणेन्द्र का नया उपन्यास: गायब होता देश 16 Aug 2013 | 12:22 pm

जल्दी ही, अगले साल के शुरुआती महीनों में, रणेन्द्र का नया उपन्यास गायब होता देश आपके बीच होगा. उनके पहले उपन्यास ग्लोबल गांव के देवता ने बड़े सुकून के साथ हिंदी साहित्य की दुनिया में दस्तक दी और वह जग...

धधकते बस्तर में ‘नीरो’ की बंसी 15 Aug 2013 | 10:42 am

बस्तर ही नहीं, देश के आदिवासी इलाकों में ऑपरेशन ग्रीन हंट को शुरू हुए चार साल हो गए. और भारतीय राज्य यह युद्ध सिर्फ अपने अर्धसैनिक बलों, पुलिस, सेना, वायु सेना और ड्रोनों के जरिए ही नहीं लड़ रहा. खबरे...

अपूर्वानंद-जनसत्‍ता के तर्क ''उदार लोकतंत्र'' की सड़क को हाइवे बना देने की शुरुआत हैं: वरवर राव का दूसरा बयान 6 Aug 2013 | 12:01 pm

'मित्रो, 31 जुलाई 2013 को प्रेमचंद जयंती पर हुए कार्यक्रम में आयोजकों द्वारा सिद्धांतविहीन तरीके से एक हिंदू साम्‍प्रदायिक व्‍यक्ति व वैश्‍वीकरण के समर्थक एक कॉरपोरेट साहित्‍यकार को तर्कहीन बहस खड़ी क...

हंस संगोष्ठी: ‘अभिव्यक्ति और प्रतिबंध’ का बाकी सच 6 Aug 2013 | 11:40 am

आप देखिये कि राजेंद्र यादव से शुरू हुई लोकतंत्र की जो शोभायात्रा जनसत्ता संपादक और अपूर्वानंद तक आते आते बुलडोज़र में बदल गयी, वह किन किन आवाजों को कुचलती हुई आगे बढ़ी और उसका खामियाजा किन किन तबकों को ...

तुम्हारे देश में इतना कीचड़ कहाँ से आया हिन्दी. 5 Aug 2013 | 06:42 pm

चन्द्रिका यह दो मनाहियों की अलग-अलग कहानियां हैं, जो एक वक्त में घट रही हैं. जो दूरी के लंबे फासलों के साथ घट रही हैं. उड़ीसा में राज्य और कार्पोरेट सभाएं कर नियमगिरी को खरीदना चाहता है और आदिवासी अप...

कातिलों, जालिमों और फासिस्टों को अपने भरोसे से खेलने मत दीजिए 3 Aug 2013 | 05:37 pm

रमजान के महीने में इफ़्तार की राजनीति बहुत होती है. शासक वर्ग की सारी पार्टियाँ इफ्तार करा कर मुस्लिम समाज को इस भुलावे में रखने की मंशा रखती हैं कि वे इस समाज की भलाई चाहने वाली पार्टियाँ हैं. इससे बड़...

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