Blogspot - kaduvasach.blogspot.com - कडुवा सच ...

Latest News:

नाकारा हुक्मरान ... 26 Aug 2013 | 10:20 am

सच ! अब 'खुदा' ही जाने 'उदय', कितने 'खुदा' हैं वतन में आज जिसे देखो वही लगा है 'खुदा' कहलाने के जतन में ? … वो बड़े जालिम हैं इस तरह पीछा न छोड़ेंगे फिर किसी मोड़ पे बेशर्म से मिल जायेंगे ? … हाँ, शक ...

कुर्सी के चाटूकार ... 24 Aug 2013 | 11:17 am

कुंठा कहो, क्रोध कहो, आक्रोश कहो, या विद्रोह कह लो लेकिन, हाँ…………………… मैं नाराज हूँ तुमसे ? … चोर, उचक्कों, औ बलात्कारियों का भी हक़ है 'उदय' संत, … आसा, … राम, … बापू, … कहलाने का ? … तू, झूठ-मूच ही ...

ख्यालात ... 19 Aug 2013 | 08:48 pm

मेरी शौहरत-औ-बुलंदियों में, मेरे रकीबों का हाँथ है वर्ना, मेरी खुद की,…कहाँ इतनी औकात थी यारो ? … बहुत दूर छोड़ आया हूँ मैं अपना जतन अब जहाँ हूँ मैं 'उदय' वही है मेरा वतन ? … कदम कदम पे, आज प्याज के ख...

फटेहाल ... 16 Aug 2013 | 07:13 am

गुजरती उम्र पर, तनिक तो तरस खाओ यारो कब्र में पाँव लटके हों तो यूँ मटका नहीं करते ? ... तू इत्मिनान रख साक़ी, हम शराबी हैं मदहोश नहीं हैं गर लार टपकी भी तो इन आँखों से ही चख लेंगे तुझे ? … अरे कुछ तो ...

इंसानियत ... 12 Aug 2013 | 08:22 pm

सच ! साम्प्रदायिकता की फसल उन्ने खूब उगाई है कभी-कभी, पकने के पहले भी उसे वो काट लेते हैं ? … किसे थी खबर, कि वो तिलस्मी हैं 'उदय' वर्ना, आज हम उनकी कैद में नहीं होते ? … देखना इक दिन 'उदय', वो आपस मे...

वित्तमंत्री ... 11 Aug 2013 | 03:32 pm

लघुकथा : वित्तमंत्री चमचमाती कार से चार व्यक्ति उतर कर ढाबे में प्रवेश किये तो ढाबे का मालिक काउंटर से उठकर सीधा उनकी टेबल पर पहुँचा … क्या लेंगे हुजूर ? खाना खायेंगे और क्या, … क्या-क्या ख़ास है … ...

फ़साने ... 9 Aug 2013 | 08:27 pm

उनकी वाल पे, बहुत भीड़ है आज गर जी करे भी तो कैसे करे ???? … वे मीठा-मीठा बोलेंगे और तुम्हें ललचायेंगे देखना इक दिन वे ही आपस में लड़वायेंगे ? … गर नाज है 'उदय', उन्हें अपने ताज होने पर तो, हमें भी गु...

परिवर्तन ... 7 Aug 2013 | 11:51 am

"सरकारें … निश्चिंत रहें हमारी लड़ाई तुम्हारे साथ नहीं है, हम तो यहाँ व्यवस्था परिवर्तन के लिए इकटठा हुए हैं, और जब हमने यह तय कर लिया है तो हम, हर हाल में व्यवस्था परिवर्तन करके...

तमाशा ... 5 Aug 2013 | 06:25 pm

लो 'उदय', बात कहाँ की, कहाँ ले आये हैं वो ऐंसा हुनर, किसी और में देखा नहीं हमने ? ... उनका चूना, खुद उनको ही........लगा रहे हैं लोग कुछ इस तरह साहित्यिक दुकां चला रहे हैं लोग ? ... अब तुम उ...

संगदिल ... 4 Aug 2013 | 08:01 am

बहुत गुस्ताख हैं,……. आँखें उनकी दबे दबे ही हमें देख लेती हैं अक्सर ? … उनके कमीनेपन की, कोई हमसे मिसाल न पूंछे 'उदय' कुर्सी की चाह में, …….. वो अपना बाप बदल लेते हैं ? … कोई एक तो होगा 'उदय', जो संगदि...

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