Blogspot - kavyawani.blogspot.com - काव्य वाणी
General Information:
Latest News:
दिल की दुरी................. 12 Aug 2013 | 08:14 pm
दिल की दुरी को कदमो से ना मिटा सके । जज्बातों की आग को ना आँखों से बुझा सके ।। एक वादा था उस मोड़ तक साथ चलने का । जिसे न तुम निभा सके न हम निभा सके ।। -----------------------------------------...
उनसे मोहब्बत हो गयी.................. 16 Jul 2013 | 07:31 pm
वाकिया ये हुआ की उनसे मोहब्बत हो गयी. उन के दीदार में खुदा की इबादत हो गयी . अक्सर दूरिया इश्क की सिद्दत को बड़ा देती है . इसलिए तो उनकी दर भी जियारत हो गयी .... Wakiya Ye Hua Ki Unse Mohabbat Ho ...
आँखों ने आँखों से बाते कर ली................ 10 Jun 2013 | 08:22 am
आँखों ने आँखों से बाते कर ली । लबो ने लबो से मुलाकाते कर ली ॥ एक यही कमी थी मेरे जीवन में । तुमने पूरी जीसे गुनगुनाते कर ली॥ © Shkehar Kumawat
आँखों ने आँखों से बात कर ली............ 8 Jun 2013 | 04:57 pm
आँखों ने आँखों से बात कर ली । लबो ने लबो से मुलाकर कर ली ॥ एक यही कमी थी मेरे जीवन में । तुमने पूरी जीसे गुनगुनाते कर ली॥ © Shkehar Kumawat
आइना टूट गया होगा ............ 3 May 2013 | 12:43 am
मुझे यकीन है की तेरा आइना टूट गया होगा . तुझे भी चहरे पे नकाब दिख गया होगा. तेरी तो निगाहे ही कुछ ऐसी है झालिम. की आइना खुद - ब - ख़ुद टूट गया होगा. © Shkehar Kumawat
" वाह क्या ताज है "......... 25 Apr 2013 | 07:12 pm
ये मोहब्बत की क्या खूब इबादत है | फरिस्ते भी दुआ मांगे ऐसी जियारत है || गजब का करिश्मा है उनकी कारीगरी में | जो हर शक्श कहे @ " वाह क्या ताज है "|| © Shkehar Kumawat
एक खता........ 22 Apr 2013 | 07:12 pm
एक खता हमसे नहीं होती । एक खता उनसे नहीं होती ॥ ना जाने कोनसी खता हुई हमसे । जो ये खता फिर से नहीं होती ॥ © Shkehar Kumawat
जीने नहीं देता ......... 22 Mar 2013 | 08:44 pm
फासला तुम्हे भूलने नहीं देता. खुली आँखों में खवाब दिखा देता. ये कैसी कसम दिलाई है तुमने. जो जीकर भी जीने नहीं देता .... © Shkehar Kumawat
खुदा की इबादत ........ 21 Mar 2013 | 08:31 pm
मोहब्बत भी गजब की शय होती है.. कभी दर्द तो कभी दवा होती है . गर हो जाये ये हसीन खता किसी से .. तो खता भी खुदा की इबादत होती है ...... © Shkehar Kumawat
तड़फोगे तुम भी.... 16 Feb 2013 | 07:11 pm
तड़फोगे तुम भी उतना जितना तड़फाओगे | हाले दिल तमाम खुद ब खुद जान जाओंगे || गर है कोई शिकवा मुझसे तो दूर करलें | वरना एक रोज तुम बहुत पछताओगे || © Shekhar Kumawat