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सदाचरण से आत्म-विश्वास की प्राप्ति (Self-Confidence Achieved Through Conduct) 4 Aug 2013 | 10:01 pm
“सदाचरण से आत्म-विश्वास की प्राप्ति सदाचरण से व्यक्ति में आत्म-विश्वास उत्पन्न होता है, जिससे वह श्रेष्ठ कार्यों में निष्ठापूर्वक अग्रसर हो सके, भले ही परिस्थिति...
आत्म-संतोष की उपलब्धि (Achievement of Self-satisfaction) 1 Aug 2013 | 09:55 am
“आत्म-संतोष की उपलब्धि आत्म-संतोष मानव-जीवन की महानतम उपलब्धि है। इसे प्राप्त करने के लिए उच्चस्तरीय चरित्र की अनिवार्य आवश्यकता पड़ती है। कुटिलतापूर्वक ...
चरित्र और धन (Character and Wealth) 20 Jul 2013 | 07:59 pm
“चरित्र और धन सच्चरित्रता अपने में एक महान संपदा है। महापुरुषों के पास सबसे बड़ी पूँजी उनके चरित्र की ही होती है, जिसके सहारे वे निरंतर अपने प्रग...
चरित्र एक सर्वोपरि संपदा (Character: A Paramount Asset) 18 Jul 2013 | 07:00 pm
“चरित्र एक सर्वोपरि संपदा चरित्र मनुष्य की सबसे बड़ी शक्ति और संपदा है। संसार की अनंत संपदाओं के स्वामी होने पर भी यदि कोई चरित्रहीन है तो वह हर अर्थ म...
अभिभावकों का उत्तरदायित्व (Parents’ Responsibilities) 17 Jul 2013 | 09:16 pm
अभिभावकों का उत्तरदायित्व बहुत से माँ-बाप तो बच्चों को पैदा करने, खिलाने-पिलाने, स्कूल आदि में पढ़ने की व्यवस्था तक ही अपने उत्तरदायित्व की इतिश्री ....
चरित्र की एक विशेष देन : अभय (Unique Reward of Moral Character: Fearlessness) 16 Jul 2013 | 06:38 pm
”चरित्र की एक विशेष देन : अभय अभय, चरित्र की विशेष देन है। चरित्रवान व्यक्ति संसार में किसी से भयभीत नहीं होता। उसे अपने तथा अपने आचरण पर अखंड विश्वास रहता ...
यंत्रीकरण बुरा नहीं पर आदर्शों और नैतिक मूल्यों को प्राथमिकता मिले (Automation isn’t Bad but Morals and Ideals Must Prevail) 14 Jul 2013 | 06:32 pm
यंत्रीकरण बुरा नहीं पर आदर्शों और नैतिक मूल्यों को प्राथमिकता मिले महात्मा गांधी ने भी औद्योगीकरण और यंत्रीकरण को उतना ही आवश्यक माना था जितने से कि मनुष्य का जीवन और सरल बने। यं...
सच्चे अर्थों में शूरवीर (A Truly Brave Person) 13 Jul 2013 | 09:23 pm
“सच्चे अर्थों में शूरवीर पराक्रमों में सबसे अधिक महत्त्व का वह है जिसमें अपनी अनगढ़ आदतों को सुधारने का श्रेय पाया जा सके। बाहरी संघर्षों से जूझने और ...
प्रकृति की व्यवस्था (Nature’s Provision for Human Beings) 12 Jul 2013 | 10:21 pm
“प्रकृति की व्यवस्था जीवन की सामान्य आवश्यकताएँ साधारण प्रयत्नों से पूरी हो जाती हैं। प्रकृति ने ये सारी वस्तुएँ इतनी आसानी से इसलिए उपलब्ध करा रखी ...
शीघ्रता नहीं (Haste Makes Waste) 10 Jul 2013 | 11:08 pm
“शीघ्रता नहीं उत्तम रीती अंग्रेजी भाषा में प्रख्यात साहित्यकार बुल्वर लिटन शौकिया तौर पर ही लिखा करते थे लेकिन उन्होंने जो कुछ भी लिखा वह इतना ...