Shikhadeepak - shikhadeepak.com - शिखा दीपक
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हर बार..... 9 Dec 2012 | 08:43 pm
अंतर में लगे तन्हाइयों के मेले से ऊब कर घुटन मचाती हाहाकार खामोशियाँ भी हो जाती हैं विवश चिल्लाने को तब सन्नाटा भी मचाता है शोर और तब मैं अपने ह्रदय में ठहर चुके इस बवंडर को हटाने की करती हूँ कोशिश ले...
क्यूँ नहीं....... 5 Dec 2012 | 09:25 pm
क्यूँ नहीं सुलभ मुझे ....... समाज में थोड़ी सी आज़ादी........... क्यूँ लगे हैं प्रश्न चिन्ह.......... मेरे जीवन और शैली पर......... क्यूँ हैं बंधन मेरे परिधानों पर........ क्यूँ मेरे रिश्ते तौले जाते ...
वो चंद रिश्ते...... 3 Dec 2012 | 02:05 pm
वो चंद रिश्ते नेह से भीगे.......... उन रिश्तो पर.......... हुआ संकीर्ण सोच का......... कुठाराघात.......... वो रिश्ते जो पगे रहते थे.......... स्नेह और प्रेम के मधुर पाग मे.......... हो गयी उनमें मिलाव...
कोई मेरा.... 23 Apr 2012 | 06:04 pm
कोई अपना ही है मेरे दिल को दुखाने वाला गैरों को तो इस दर का पता ही न दिया मैंने उसका हर लफ्ज तीर सा सीने में धंस गया हर बात पर एक एक आंसू जब्त किया मैंने इक पल में अपनों से परायों में बिठा दिया वो ब...
वजह.... 19 Apr 2012 | 10:47 pm
उसने अंदर आते ही कहा.......मैं आज गाँव जा रहा हूँ, घरवाले बार बार बुला रहे हैं......... ओ-हो....तो इसलिए जा रहे हो कि वो बुला रहे हैं......लड़की ने पूछा............ हाँ तो और क्या करूँ.......इस बेवजह...
दिल से........ 30 Mar 2011 | 08:56 pm
बातों से तो जताता है वो मेरा अपना है बातों के असर से लगता है गैरों में गिनता है तन्हा मिले तो हर एक अदा कातिलाना महफ़िल में आये तो अजब रंग में दिखता है कोई बेसबब बेसाख्ता दूरियां नहीं बनाता यूँ ही नह...
दुआएं.......... 19 Mar 2011 | 05:03 pm
हो जाएँगी जिन्दा सभी वीरान महफ़िलें जो तेरे नाम के साथ एक मेरा भी जिक्र चले ये दोस्त एहबाब सभी जिन्दगी की हद में हैं उसको बना लो अपना जो उस पार भी चले बनता नहीं यादगार कोई किस्सा कोई अफसाना जब तलक शम...
तेरे इश्क में........ 9 Mar 2011 | 08:58 pm
अजब मोड़ पर लायी है जिन्दगी जहाँ मुझको मेरा ही पता नहीं हर शै में है उसकी ही रौशनी कोई जगह न बची जहाँ वो नहीं ये गुनाह नहीं कोई सबाब है जो इस सिम्त आ गयी आज मैं मुझे यकीन है ये तेरा करम ही है मुझसे ह...
दाम...... 22 Feb 2011 | 08:34 pm
सीने में उठी है एक लहर शायद मुहब्बत नाम है दो दिलों को जोड़ना महकाना ही इसका काम है आती जाती हर सांस पर तेरी आरज़ू के राग हैं हर एक धड़कन मेरे दिल की अब तो तुम्हारे नाम है तेरी फुर्कत से रंगी मेरी तन्...
वादा करो........ 31 Jan 2011 | 07:54 pm
फोन पर तुम्हारे वो शब्द...........मैं अब थक गया हूँ...........हार गया हूँ..........दिल चाहता है इस जिंदगी को ही ख़त्म कर दूं...........ये क्या कह गए तुम..........तुम और ऐसी निराशा की बातें..........तु...